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Lockdown Chapter 2

Covid-19 यह नाम आजकल पुरी दुनियामे फेल गया है और दुनिया भरके लोगोको यह सोचने के लिये मजबूर  कर दिया है की आज कौन काम आयेगा? अपना इश्‍वर या जिनके पूर्व कभी न मिले हो जिनकी न पूजा की है या न कीसी प्रकारकी भेट-दान दक्षिणा दी है ऐसा गुमनाम डॉकटर जिनके साथ विज्ञान जुडा हुआ है। मैं पहेले भी कह चुका हुं आजका मनुष्य न धर्म को जानता है न विज्ञान को। हम दोनो से बेवफुक बने है, कैसे हाथमें स्मार्ट फोन है, मगर दिमाग इतना स्मार्ट नहि  है। और विज्ञान आज जो कहता है शायद आनेवाने दिनो में कहेगा की जो पूर्व कही गई बात थी वो संपूर्ण सत्य नहि है, हम वापस ले रहे है, जो है आज का हमारा खयाल यह है। आमतौर पर सामान्य लोगो की समज में यह बात आती ही नही है।

उदाहरण देख ले विज्ञानने प्लास्टिकका संशोधन किया और यह सुविधा लोगोको पसंद आ गई। आज विज्ञान कहेता है की “No Plastic” हो शके तो 50 Micron से कम वाली प्लास्टिक बेग का उपयोग मत करो। यह बात जनताकी समज में नहि आती है। धर्म की बात ऐसी नहि है, धर्मने पूर्व में कहा होगा की यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है। मगर आज तक एक सबुत नहि दिया, विज्ञान कहेता है यज्ञ की अग्नि से कार्बनडायोकसाइड उत्पन्न होता है। स्कुल, कालेज में पढे लिखे लोग यह लेब में साबित कर चुके है, फिर भी धर्म की बात आती है तो बेवफुक की तरह बर्ताव करते है। धर्म के नाम पर यज्ञ से वातावरण शुद्ध करनेकी बात करते है।

प्रस्तावना लंबी हो गई खेर, आज कोरोना की बात चलती है, मगर विज्ञान के पास जवाब स्पष्ट है और धर्म चुप है। कही कही चोरी  छुपी से कोई आवाज आती है मगर काशी से काबा तक सब द्वार बंध है। इश्‍वर उपासना हमारी आध्यात्मिकता के लिये है नहि की हमारी बिमारीर्यां भगाने के लिये। यहाँ पढे लिखे लोग भी चळीर्सीळवश होते है यह जानकर बडा दु:ख होता है । कहते हे एक साथ ॐ का नाद करने से वायरस मर जायेगा, घंटनाद से मर जायेगा, दिव्य द्रव्य के होम से मर जायेगा, कितने बहाने दोगे? अब बस करो धर्म को मजाक मत बनाओ, ॐ, मंत्र तंत्र, यज्ञ, होम साधना का विषय हो शकता है मगर विज्ञान का विषय कदापी नहि है ।

उेीेपर के मरीजो की सारवार करनेवाले और प्रजा को नियत्रिंत करनेवाले पोलीस और अन्य कर्मचारीयों के सन्मान के लिये मोदीजीने ताली बजाना या तो थाली घंट बजाने की बात कही थी। हमारी मुर्खता देखो लोगोने जुलुस निकाल दीया Corona भाग गया । बडे आश्‍चर्य की बात है सन्मान कीसको देना था और क्या कर बैठेे? अभी भी समय है समज जाओ, विचारवंत बनो, बुद्धिका उपयोग करो, प्रदर्शन न करे ।

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