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Lockdown Chapter 6

आज शाम हो गई, अभी तक भारत शांत है, लोग Corona से ज्यादा उसकी अफवाह से डरे हुए है । एक बात स्पष्ट है की, धनसत्ता, राजसत्ता, बौधिकसत्ता, अनु सत्ता सारी सत्ता आज कांप रही है । कुदरत अपना खेल खेल रही है, मनुष्योको छोड कर बाकी की प्रकृति अपनी मस्तीमें मस्त है ।

आज न धर्म उपर लिखना है न प्रकृति के उपर और Corona के बारेमें ! आज Vegan Food के बारेमें लिखना है, भारतमें यह शब्द समजनेवालो की संख्या बहुत कम है । Vegetarian और Vegan दोनों शब्दोमें बहुत बडा अंतर है । यहां भारतमें ज्यादातर लोगोको Vegan का अर्थ मालुम नहीं है यो तो उसे समजते ही नहि है । युरोप, अमेरिका से शरु हुई यह खोराक पद्धति का चाहक वर्ग सीमित है, मगर दिन प्रतिदिन उनमें बढोतरी हो रही है । आश्‍चर्य की बात तो यह है की इस खोराक पद्धति अपनानेवालोमें ज्यादातर युरोप – अमेरिका के टोप सेलिब्रिटीयों का नाम भी सामिल हो रहा है ।

Vegan Society कई सालोसे अपना प्रचार कर रही है, और जगत को चेतावनी दे रही है की Veganism अपनायें । उनके क्या फायदे है और क्युं अपनाना चाहिए, उनको उनके पास बहुत सारा calculation है । इस society में जुडनेवाले ज्यादातर बौधिक है और जगतकी टोप सेलिब्रिटीयों सामिल है । Vegan का खोराक plant based diet है । कोई भी प्राणी का कोई खाने के लिये होलिवुडकी मशहुर एकट्रेस Ellen Pompeo, एकटर Benedict Cumberbatin, Zac Efron, Begonce, अमेरिका के पूर्व प्रमुख Bill Clinton, Gislele Bundchen, Mayim Bialit, Jessica Chastain, मशहुर टेनिश खेलाडी Venus Williams ईत्यादि, बहुत लंबी यादी है ।

भारतमें देखना हो तो बॉलीवुड एकट्रेस सोनम कपुर, क्रिकेट के मशहुर खेलाडी विराट कोहली, कंगना रनावट, किरन राव (आमिर खान की पत्नी) आमिर खान, सोनाक्षी सिंहा, रिया चंद्रा, मल्लिका शेरावत आदि प्रमुख नाम है ।

दुनिया के प्रसिद्ध नामी अनामी बौधिक लोग Veganism को आज अपना चुके है । Proteine के लिये अंडे या तो दूध खाना चाहिये ऐसा प्रचार होता रहेता है । मगर Vegan Society के पास इसके लिये अपना रास्ता है । Vegan diet अपनानेवाले न केवल खोराक के लिए बलकी प्राणीयों के माध्यमसे बनी कोई भी चीज का उपयोग नहि करते है ।

कई सालोसे Vegan Society दुनिया को समजा रही है की प्राकृतिक खोराक खाना शरु करो । प्राकृतिक खोराक क्युं अपनाना चाहिये इसके लिये अलग पूरा लेख लिखना पडेगा, मगर इतना बतादुं आज हमने अपनी धरती का वातवरण – atmosphere दिन-प्रतिदिन बिगड रहा है, उनके लिये हमारी खाने की पद्धति सबसे अहम भूमिका मैं अग्रेसर है । जो खोराक मनुष्यो के लिये जमीन से पेदा किया जाता है वो हम प्राणीयों को खिला देते है । बादमें इस प्राणीयों को मारकर मनुष्य खा जाता है । इस प्रक्रिया के दौरान उर्जा का संक्रमण उत्पन्न होता है, यह बेहतर तरीके से धरती को बिगाडता चला है । आगे के लेखमें कह चुका हुं की प्रकृति अपना काम स्वंय कर लेती है उसे मत बिगाडो ।

हमारी तृष्णा, हमारी वृतियाँ, शोच और जुडे अरमानो के साथ साथ फेशन और मनुष्योकी पेसन्स (कामवृत्ति) ने धरती का तापमान बिगाडा है, बल्कि मनुष्योकी आंतरीक शक्ति को भी बिगाड दी है । विराट कोहली दो साल से Vegan diet पर है, साथ साथ अपने खेलमें कई कई नई उचाईयाँ हांसिल की है, उनका कहना है की बदला हुआ डायेट से मेरी शक्ति को कोई नुकशान नहि हुआ है, बलकी और बढी है ।

भारतमें विपरित परिस्थितियां निर्माण हो रही है । विश्‍व गुरु बनने का दावा करने वाला भारत स्वादवृत्तिके जुठे शोक के साथ NonVeg की ओर बढ रहा है । भारत छोडकर विदेशगमन करनेवाले की हालत बहुत बुरी है । अपना वजूद साबित करने के चक्कर में भटक गये है । उनको पता ही नहि है की वजूद (हयाती) किसको कहते है । अपूर्ण जानकारी उस का महत्त्वका कारण है । Vegan के साथ धर्म या धार्मिकता को न जोडे, Vegan diet अपनाना यह प्रकृति का रक्षण, शारिरीक स्वास्थय सबंधित है । यह जरूरी नहि है की सारे के सारे Vegan वाले धार्मिक हो, वो Rational हो शकते है ।

एक बात स्पष्ट करदु Vegan दुनियाका किसी भी धर्म या तो धार्मिक मान्यताओके साथ जुडा हुआ नहि है । भारत छोडकर अबुधाबी में बस गये मुकेश भगत Vegan है, और जिस देश में रहता है वहां का राजा Vegan है । मैं 100% Vegan नहि हुं मगर कोशिश जारी है । पू. युदनाथ महाराज जगदीश महाराज ने जीवनभर चमडे की कोई भी वस्तुओ का उपयोग नहि किया है । मैं जूते का उपयोग करता था, कुदरत का खेल देखो महोल्ले के कुत्ते तीन जोडी जूते उठाकर ले गये । जबरण या तो समज के साथ चोथी जोडी नोन-लेधर का खरीदा । अभी कुछ बाकी है धीरे धीरे कुदरत से जो जो छिन लिया था वो वापिस कर रहा हुँ, वो आपके हाथमे है, मरने के बाद जाओ या तो जीतेजी कुदरत को देकर जाओ…इति अस्तु ।

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